I. | रेल संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। | |
| --कवच एवं स्वचालित सिगनलिंग प्रणाली स्थापित की जाएगी। |
| --उच्च गति के युग में संरक्षा के लिए उन्नत अनुरक्षण ठेके एवं कार्यान्वयन पर कार्य किया जाएगा। |
II. | अनलोडिंग व लोडिंग जुड़ाव के साथ प्रतिदिन 5 मिलियन टन की जाएगी। |
III. | कार्यनिष्पादन संबंधित प्राथमिकताएं |
| --रेल लाइनों को स्थापित करने की गति दोगुनी कर दी जाएगी। |
| --रेलवे स्टेशन विकास कार्यों को गति दी जाएगी। |
| --ईपीसी ठेकेदारी पद्धति को अपनाया जाएगा। |
| --प्रत्येक मंडल के कम से कम एक मार्ग पर 160 किमी प्रति घंटे तक की गति से संबंधित कार्य किए जाएंगे। |
| -अधिकांश मार्गों पर गति 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ायी जाएगी। [जीडी-जीक्यू मार्ग से आगे विस्तार] |
IV. | नेटवर्क क्षमता में सुधार करना |
| --रेल संचालन में अवरोधों की पहचान की जाएगी एवं इन्हें हटाया जाएगा। |
| --मंडल क्रियान्वयन समिति बनाकर मिशन मोड पर स्थायी गति प्रतिबंध हटाए जाएंगे। |
| --प्रमुख परस्पर बदलाव वाले स्टेशनों पर बाह्यमार्ग तैयार किए जाएंगे। |
| --प्रमुख कार्गो मार्गों के लिए बहुविध लाइनों (6 से 10) की योजना तैयार की जाएगी। |
V. | रेलवे अधिकारी एवं कर्मचारी की सत्यनिष्ठा प्रमुख रहेगी। |
VI. | निर्णय लेने में तेजी लाने के लिए प्रक्रियात्मक सुधार किए जाएंगे। |
VII. | अब तक का सर्वाधिक पूंजीगत व्यय ₹ 2.40 लाख करोड़ होगा। |
| --प्रति माह ₹ 20,000 करोड़ की दर से लक्षित व्यय होगा। |